चिंता की बात हो सकती है रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव
सेहतराग टीम
महिलाओं में उम्र बढ़ने के बाद माहवारी का बंद हो जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है। 45 वर्ष से लेकर 49 वर्ष की उम्र के बीच महिलाओं में रजोनिवृत्ति की स्थिति आती है। किसी महिला में रजोनिवृत्ति की स्थिति तब मानी जाती है जब महिला को लगातार कम से कम 12 महीने तक माहवारी बंद रही हो। कई महिलाओं में ये पाया गया है कि रजोनिवृत्ति की स्थिति आने यानी 12 महीने तक लगातार माहवारी बंद रहने के बाद अचानक योनि से खून आने लगता है। यदि किसी महिला में ऐसी स्थिति आए तो उसे सतर्क होने और डॉक्टर से तत्काल सलाह लेने की जरूरत होती है।
दरअसल रजोनिवृत्ति के बाद होने वाला रक्तस्राव सामान्य रक्तस्राव नहीं होता है। रजोनिवृत्ति के बाद होने रक्तस्राव से पीड़ित महिला को रक्त के धब्बे या किसी गंभीर चिकित्सीय समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर को अवश्य दिखना चाहिए।
कारण
रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले रक्तस्राव के साथ कई स्वास्थ्य स्थितियां जुड़ी है, जिनमें निम्नलिखित स्थितियां शामिल है:
एस्ट्रोजन के कम स्तर के कारण योनि की परत का पतलापन और सूजन या गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियल एंट्रोफी) का पतला होना।
पोलिप: गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय पोलिप, जो कि आमतौर पर कैंसर रहित होते हैं। ये पोलिप गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय की गर्दन) या गर्भाशय में गठित हो सकते हैं।
हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी: हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया) मोटी हो जाती है।
गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय की असामान्यताएं।
एंडोमेट्रियल की मोटाई: इस स्थिति में गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) की परत मोटी हो जाती है, आमतौर पर यह बहुत अधिक एस्ट्रोजन और बहुत कम प्रोजेस्टेरोन के फलस्वरूप होता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव हो सकता है।
एंडोमेट्रियल कैंसर (गर्भाशय कैंसर): रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत हो सकता है।
अन्य कारणों में शामिल हैं: रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव का कारण गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के संक्रमण, रक्त पतला करने वाली कुछ दवाइयां तथा अन्य प्रकार के कैंसर हो सकते है।
जांच
इस स्थिति का सटीक कारण पता लगाने के लिए चिकित्सक चिकित्सीय इतिहास के बारे में पूछ सकते हैं तथा पैप स्मीयर टेस्ट कर सकते हैं।
इसके बाद और परीक्षणों की सलाह दी जा सकती है, जैसे कि:
योनि का अल्ट्रासाउंड।
एंडोमेट्रियल बायोप्सी (गर्भाशय की परत का नमूना)।
हिस्ट्रोस्कोपी।
प्रबंधन
इस समस्या का उपचार रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले रक्तस्राव के कारण पर निर्भर करता है:
यदि रक्तस्राव का कारण पोलिप है, तो उसे हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
एंडोमेट्रियल एंट्रोफी को एस्ट्रोजन क्रीम या पेसेरी जैसी दवाओं से उपचारित किया जा सकता है। यदि रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया के कारण होता है, तो उसे हार्मोन उपचार (प्रोजेस्टीन) या गर्भाशय निकालने के (गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय और अंडाशय को हटाने के लिए सर्जरी) जरिये उपचारित किया जा सकता है।
यदि रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण होता है, तो स्थिति के आधार पर एचआरटी को कम/बंद किया जा सकता है। इस प्रकार कैंसर के कारण होने वाले रक्तस्राव के लिए कैंसर विशेषज्ञ सर्जरी, रेडियेशन या कीमोथेरेपी अथवा इनमें से किसी दो या तीनों का इस्तेमाल कर इलाज कर सकते हैं।
लेडीज कॉर्नर में और पढ़ें
सर्वाइकल या गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बारे हर जानकारी यहां मिलेगी
शरीर से गर्भाशय निकालने से जुड़े भ्रम और तथ्य को यहां जानें महिलाएं
हां, मैंने गर्भाशय निकलवाया और इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है
यूं करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान
Comments (0)
Facebook Comments (0)